Jawab Jinka Nahi Wo Sawaal Hote Hain Jo Dekhne Mein.
जवाब जिनका नहीं वो सवाल होते हैं,
जो देखने में नहीं कुछ कमाल होते हैं ।
तराश्ता हूँ तुझे जिनमें अपने लफ़्ज़ों से,
बहुत हसीन मेरे वो ख़्याल होते हैं ।
हसीन होती है जितनी बला की दो आँखें,
उसी बला के उन आँखों में जाल होते हैं ।
वो गुनगुनाते हुए यूँ ही जो उठाते हैं,
क़दम कहाँ वो क़यामत की चाल होते हैं ।
जो देखने में नहीं कुछ कमाल होते हैं ।
तराश्ता हूँ तुझे जिनमें अपने लफ़्ज़ों से,
बहुत हसीन मेरे वो ख़्याल होते हैं ।
हसीन होती है जितनी बला की दो आँखें,
उसी बला के उन आँखों में जाल होते हैं ।
वो गुनगुनाते हुए यूँ ही जो उठाते हैं,
क़दम कहाँ वो क़यामत की चाल होते हैं ।
- Farhat Shahzad.
- Jagjit Singh.