Yun To Jaate Hue Maine Use Roka Bhi Nahin Pyaar Usse.
यूँ तो जाते हुए मैंने उसे रोका भी नहीं,
प्यार उस से न रहा हो मुझे ऐसा भी नहीं ।
मुझको मंज़िल की कोई फ़िक्र नहीं है या रब,
पर भटकता ही रहूँ जिस पे वो रस्ता भी नहीं ।
मुन्तज़िर मैं भी किसी शाम नहीं था उसका,
और वादे पे कभी शख़्स वो आया भी नहीं ।
जिसकी आहट पे निकल पड़ता था कल सीने से,
देख कर आज उसे दिल मेरा धड़का भी नहीं ।
प्यार उस से न रहा हो मुझे ऐसा भी नहीं ।
मुझको मंज़िल की कोई फ़िक्र नहीं है या रब,
पर भटकता ही रहूँ जिस पे वो रस्ता भी नहीं ।
मुन्तज़िर मैं भी किसी शाम नहीं था उसका,
और वादे पे कभी शख़्स वो आया भी नहीं ।
जिसकी आहट पे निकल पड़ता था कल सीने से,
देख कर आज उसे दिल मेरा धड़का भी नहीं ।
- Farhat Shahzad.
- Jagjit Singh.