Jab Naam Tera Pyaar Se Likhti Hai Ungliyan Meri Taraf.
जब नाम तेरा प्यार से लिखती हैं उँगलियां,
मेरी तरफ ज़माने कि उठती हैं उँगलियां ।
दामन सनम का हाथ में आया था एक पल,
दिन रात उस ही पल से महकती हैं उँगलियां ।
जिस दिन से दूर हो गये हो उस दिन ही सनम,
बस दिन तुम्हारे आने के गिनती हैं उँगलियां ।
पत्थर तराश कर ना बना ताज एक नया,
फनकार के ज़माने में कटती हैं उँगलियां ।
मेरी तरफ ज़माने कि उठती हैं उँगलियां ।
दामन सनम का हाथ में आया था एक पल,
दिन रात उस ही पल से महकती हैं उँगलियां ।
जिस दिन से दूर हो गये हो उस दिन ही सनम,
बस दिन तुम्हारे आने के गिनती हैं उँगलियां ।
पत्थर तराश कर ना बना ताज एक नया,
फनकार के ज़माने में कटती हैं उँगलियां ।
- Madanpal.
- Chitra Singh.