Manzil Na De Chiraag Na De Hausla To De.
मंज़िल न दे चराग़ न दे हौसला तो दे,
तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे ।
मैंने ये कब कहा के मेरे हक़ में हो जवाब,
लेकिन खामोश क्यूँ है तू कोई फ़ैसला तो दे ।
बरसों मैं तेरे नाम पे खाता रहा फ़रेब,
मेरे खुदा कहाँ है तू अपना पता तो दे ।
बेशक़ मेरे नसीब पे रख अपना इख़्तियार,
लेकिन मेरे नसीब में क्या है बता तो दे ।
तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे ।
मैंने ये कब कहा के मेरे हक़ में हो जवाब,
लेकिन खामोश क्यूँ है तू कोई फ़ैसला तो दे ।
बरसों मैं तेरे नाम पे खाता रहा फ़रेब,
मेरे खुदा कहाँ है तू अपना पता तो दे ।
बेशक़ मेरे नसीब पे रख अपना इख़्तियार,
लेकिन मेरे नसीब में क्या है बता तो दे ।
- Rana Sahri.
- Chitra - Jagjit Singh.