Aankh Se Aankh Mila Baat Banata Kyun Hai.

आँख से आँख मिला बात बनाता क्यूं है,
तू अगर मुझसे खफ़ा है तो छुपाता क्यूं है ।

ग़ैर लगता है न अपनो की तरह मिलता है,
तू ज़माने की तरह मुझको सताता क्यूं है ।

वक़्त के साथ ख़यालात बदल जाते हैं,
ये हक़ीक़त है मगर मुझको सुनाता क्यूं है ।

एक मुद्दत से जहां क़ाफ़िले गुज़रे ही नहीं,
ऐसी राहों पे चरागों को जलाता क्यूं है ।
  • Saeed Rahi.
  • Chitra Singh.