Tere Jalwe Ab Mujhe Har Soo Nazar Aane Lage. / तेरे जलवे अब मुझे हर सू नज़र आने लगे,
तेरे जलवे अब मुझे हर सू नज़र आने लगे,
काश ये भी हो के मुझ में तू नज़र आने लगे ।
इब्तिदा ये थी के देखी थी ख़ुशी कि एक झलक,
इन्तिहाँ ये है के ग़म हर सू नज़र आने लगे ।
बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गयी,
शायद अब तस्कीन का पहलू नज़र आने लगे ।
ख़त्म कर दे ऐ ‘सबा’ अब शाम-ए-ग़म की दास्तान,
देख उन आँखों में भी आँसू नज़र आने लगे ।
काश ये भी हो के मुझ में तू नज़र आने लगे ।
इब्तिदा ये थी के देखी थी ख़ुशी कि एक झलक,
इन्तिहाँ ये है के ग़म हर सू नज़र आने लगे ।
बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गयी,
शायद अब तस्कीन का पहलू नज़र आने लगे ।
ख़त्म कर दे ऐ ‘सबा’ अब शाम-ए-ग़म की दास्तान,
देख उन आँखों में भी आँसू नज़र आने लगे ।
- Saba Afghani.
- Lata Mangeshkar.