Hey Ishwar Tu Jaane Yahan Kya Hai Kiska Shikhar. / हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
नीले नीले आसमान में तू है,
नाज़ुक सी कलियों में तू है,
धरती की हलचल में तू है,
जीवन के हर पल में तू है,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
तू है मन की शक्ति, आशा है सबकी, तू ही सबका साथी रे ।
सूरज की गर्मी में तू है,
हवाओं की नर्मी में तू है,
बहते हुए झरनों में तू है,
पंछी की उड़ानों में तू है,
आ सब ढूँढते हैं यहाँ अपना अपना शिख़र,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
तू है मन की शक्ति, आशा है सबकी, तू ही सबका साथी रे ।
मानव की हर सांस तू है,
पल पल की एक आस तू है,
सब दूर हैं पास तू है,
जब धूप हैं छाँव तू है,
हम पहचाने कैसे निराकार तेरा शिख़र,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
नाज़ुक सी कलियों में तू है,
धरती की हलचल में तू है,
जीवन के हर पल में तू है,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
तू है मन की शक्ति, आशा है सबकी, तू ही सबका साथी रे ।
सूरज की गर्मी में तू है,
हवाओं की नर्मी में तू है,
बहते हुए झरनों में तू है,
पंछी की उड़ानों में तू है,
आ सब ढूँढते हैं यहाँ अपना अपना शिख़र,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
तू है मन की शक्ति, आशा है सबकी, तू ही सबका साथी रे ।
मानव की हर सांस तू है,
पल पल की एक आस तू है,
सब दूर हैं पास तू है,
जब धूप हैं छाँव तू है,
हम पहचाने कैसे निराकार तेरा शिख़र,
हे ईश्वर तू जाने यहाँ क्या है किसका शिख़र ।
- Jagjit Singh.