Dhuan Utha Tha Deewane Ke Jalte Ghar Se Saari Raat. / धुँआ उठा था दीवाने के जलते घर से सारी रात,
धुँआ उठा था दीवाने के जलते घर से सारी रात,
लेकिन वो ख़ामोश रहे दुनिया के ड़र से सारी रात ।
रात यूँ जलते दिल पर तेरी यादों कि बरसात हुई,
जैसे इक प्यासे कि चिता पर बरख़ा बरसे सारी रात ।
सारी रात तो सपने देखे सुबह को ये महसूस हुआ,
हमने अपना सर टकराया इक पत्थर से सारी रात ।
लेकिन वो ख़ामोश रहे दुनिया के ड़र से सारी रात ।
रात यूँ जलते दिल पर तेरी यादों कि बरसात हुई,
जैसे इक प्यासे कि चिता पर बरख़ा बरसे सारी रात ।
सारी रात तो सपने देखे सुबह को ये महसूस हुआ,
हमने अपना सर टकराया इक पत्थर से सारी रात ।
- Shamim Shahabadi.
- Chitra Singh.