Shab-E-Gham Ae Mere Allah Basar Bhi Hogi.
शब-ए-ग़म ऐ मेरे अल्लाह बसर भी होगी,
रात ही रात रहेगी के सहर भी होगी ।
मैं ये सुनता हूँ के वो दुनिया की ख़बर रखते हैं,
जो ये सच है तो उन्हें मेरी ख़बर भी होगी ।
चैन मिलने से है उनके ना जुदा रहने से,
आख़िर ऐ इश्क़ किसी तरह बसर भी होगी ।
रात ही रात रहेगी के सहर भी होगी ।
मैं ये सुनता हूँ के वो दुनिया की ख़बर रखते हैं,
जो ये सच है तो उन्हें मेरी ख़बर भी होगी ।
चैन मिलने से है उनके ना जुदा रहने से,
आख़िर ऐ इश्क़ किसी तरह बसर भी होगी ।
- Chitra - Jagjit Singh.
- Seemab Akbarabadi.