Nama Gaya Koi Na Koi, Na Koi Namabar Gaya.

नामा गया कोई ना कोई नामाबर गया,
तेरी ख़बर ना आई ज़माना गुज़र गया ।

हँसता हूँ यूँ के हिज्र की रातें गुज़र गई,
रोता हूँ यूँ के लुत्फ़-ए-दुआऐं सहर गया ।

अब मुझको है क़रार तो सब को क़रार है,
दिल क्या ठहर गया के ज़माना ठहर गया ।

या रब नहीं मैं वाक़िफ़-ए-रूदाब-ए-ज़िन्दगी,
इतना ही याद है के जीया और मर गया ।
  • Chitra Singh.
  • Seemab Akbarabadi.