Lagan Bin Laage Na Nirmohi Bina Lagan Ki Preet Baware. / लगन बिन लागे ना निर्मोही, बिना लगन की प्रित बावरे,

लगन बिन लागे ना निर्मोही ।
बिना लगन की प्रित बावरे, ओस निर ज्यूँ धोई ।
हम तो रमते राम भरोसे, रजा करे सो होई ।
बिन किरपा सतगुर नहीं पावे, लाख जतन करे कोई ।
कह कबीर सुनो भई साधो, गुर बिन मुक्ती ना होई ।
  • Jagjit Singh.
  • Kabir.