Dastan-E-Gham-E-Dil Unko Sunayii Na Gayi. / दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल उनको सुनाई ना गई,
दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल उनको सुनाई ना गई,
बात बिगड़ी कुछ ऐसी की बनाई ना गई ।
सब को हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन,
इक तेरी याद थी ऐसी के भूलाई ना गई ।
इश्क़ पर कुछ ना चला दीदा-ए-तर का क़ाबू,
उसने जो आग लगा दी वो बुझाई ना गई ।
बात बिगड़ी कुछ ऐसी की बनाई ना गई ।
सब को हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन,
इक तेरी याद थी ऐसी के भूलाई ना गई ।
इश्क़ पर कुछ ना चला दीदा-ए-तर का क़ाबू,
उसने जो आग लगा दी वो बुझाई ना गई ।
- Jagjit Singh.
- Jigar Moradabadi.