Door Talak Veerana Hai Kab Tak Chalte Jaana Hai.
दूर तलक़ वीराना है,
कब तक चलते जाना है ।
जाने वाले याद रहे,
शाम ढ़ले घर आना है ।
सच्ची बातें कौन करे,
कौन यहाँ दिवाना है ।
फ़र्क है बस किरदारों में,
बाकी खेल पुराना है ।
मिट्टी भी है सोना भी,
दिल भी अजब ख़ज़ाना है ।
कब तक चलते जाना है ।
जाने वाले याद रहे,
शाम ढ़ले घर आना है ।
सच्ची बातें कौन करे,
कौन यहाँ दिवाना है ।
फ़र्क है बस किरदारों में,
बाकी खेल पुराना है ।
मिट्टी भी है सोना भी,
दिल भी अजब ख़ज़ाना है ।
- Amjad Islam Amjad.
- Jagjit Singh.