Bol Ik Tare Jhan Jhan Jhan Jhan Kahkashan Hai Meri.
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
काहकशाँ है मेरी सुंदन,
शाम की सुर्ख़ी मेरा कुंदन,
नूर का तड़का मेरी चिलमन,
तोड़ चुका हूँ सारे बंधन,
पूरब पच्छम उत्तर दक्खन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
मेरे तन में गुलशन सबके,
मेरे मन में जोबन सबके,
मेरे घट में साचन सबके,
मेरी सूरत दर्शन सबके,
सबकी सूरत मेरा दर्शन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
सब की झोली मेरी झोली,
सब की टोली मेरी टोली,
सब की होली मेरी होली,
सब की बोली मेरी बोली,
सब का जीवन मेरा जीवन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
सब के काजल मेरे पारे,
सब की आँखें मेरे तारे,
सब की सांसे मेरे धारे,
सारे इन्साँ मेरे प्यारे,
सारी धरती मेरा आंगन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
काहकशाँ है मेरी सुंदन,
शाम की सुर्ख़ी मेरा कुंदन,
नूर का तड़का मेरी चिलमन,
तोड़ चुका हूँ सारे बंधन,
पूरब पच्छम उत्तर दक्खन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
मेरे तन में गुलशन सबके,
मेरे मन में जोबन सबके,
मेरे घट में साचन सबके,
मेरी सूरत दर्शन सबके,
सबकी सूरत मेरा दर्शन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
सब की झोली मेरी झोली,
सब की टोली मेरी टोली,
सब की होली मेरी होली,
सब की बोली मेरी बोली,
सब का जीवन मेरा जीवन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
सब के काजल मेरे पारे,
सब की आँखें मेरे तारे,
सब की सांसे मेरे धारे,
सारे इन्साँ मेरे प्यारे,
सारी धरती मेरा आंगन,
बोल इकतारे झन झन झन झन ।
- Jagjit Singh.
- Josh Malihabadi.