Aaina Saamne Rakhoge To Yaad Aaoonga Apni Zulfon Ko.

आईना सामने रखोगे तो याद आऊँगा,
अपनी ज़ुल्फ़ों को संवारोगे तो याद आऊँगा ।

भूल जाना मुझे आसान नहीं है इतना,
जब मुझे भूलना चाहोगे तो याद आऊँगा ।

एक दिन भीगे थे बरसात में हमतुम दोनो,
अब जो बरसात में भीगोगे तो याद आऊँगा ।

याद आऊँगा उदासी की जो रूत आएगी,
जब कोई जश्न मनाओगे तो याद आऊँगा ।
  • Rajendranath Rehbar.
  • Jagjit Singh.