Tere Nisar Saqiya Jitni Piyuun Pilaye Jaa Mast Nazar Ka.

तेरे निसार साक़ीया जितनी पीयूँ पिलाए जा,
मस्त नज़र का वास्ता मस्त मुझे बनाए जा ।

तुझको किसी से गर्ज़ क्या बिजली कहीं गिराए जा,
दिल जले या जिगर जले तू यूँ ही मुस्कुराए जा ।

सामने मेरे आ के देख रूख़ से नक़ाब हटा के देख,
ख़िलमन-ए-दिल है मुंतज़िर बरक़-ए-नज़र गिराए जा ।

वफ़ा-ए-बदनसीब को बख़्शा है तूने दर्द जो,
है कोई इसकी भी दवा इतना ज़रा बताए जा ।
  • Rustam Sehgal  'Wafa'.
  • Jagjit Singh.