Haath Chutte Bhi To Rishtey Nahi Chhoda Karte.
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते ।
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिक़न,
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते ।
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा,
जाने वालो के लिये दिल नहीं तोड़ा करते ।
लगके साहिल से जो बहता है उसे बहने दो,
ऐसी दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते ।
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते ।
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिक़न,
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते ।
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा,
जाने वालो के लिये दिल नहीं तोड़ा करते ।
लगके साहिल से जो बहता है उसे बहने दो,
ऐसी दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते ।
- Gulzar.
- Jagjit Singh.