Tumne Badle Humse Gin Gin Ke Liye Humne Kya Chaha.

तुमने बदले हमसे गिन-गिन के लिये,
हमने क्या चाहा था इस दिन के लिये ।

वस्ल का दिन और कितना मुख़्तसर,
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये ।


वो नहीं सुनते हमारी क्या करें,
मांगते हैं हम दुआ जिनके लिये ।

चाहने वालों से गर मतलब नहीं,
आप फिर पैदा हुए किन के लिये ।

बागबाँ कलियाँ हो हल्के रंग की,
भेजनी है इक क़मसिन के लिये ।

  • Daag Dehlavi.
  • Ameer Meenai.
  • Jagjit Singh.