Ishq Ki Dastaan Hai Pyare Apni Apni Zubaan Hai Pyare.
इश्क़ कि दास्तान है प्यारे,
अपनी अपनी ज़ुबान है प्यारे ।
हम ज़माने से इन्तकाम तो ले,
एक हसीन दरमियान है प्यारे ।
तू नहीं मैं हूँ, मैं नहीं तू है,
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे ।
रख कदम फूँक फूँक कर नादान,
ज़र्रे ज़र्रे में जान है प्यारे ।
अपनी अपनी ज़ुबान है प्यारे ।
हम ज़माने से इन्तकाम तो ले,
एक हसीन दरमियान है प्यारे ।
तू नहीं मैं हूँ, मैं नहीं तू है,
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे ।
रख कदम फूँक फूँक कर नादान,
ज़र्रे ज़र्रे में जान है प्यारे ।
- Jigar Moradabadi.
- Jagjit Singh.