Hey Gobind Hey Gopal Hey Dayal Lal.

तप्त कोंचन गौरांगी राधे वृन्दावनेश्वरी,
वृषभान मुसुते देवी प्रणमामी हरे प्रिये ।
श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु नित्यानंद,
श्री अद्वैत गदा-धर,
श्री वासादी गौर भक्त वृन्द ।
हरेरनाम हरेरनाम हरेरनामय केवलम्,
कलौ नास्तयव नास्तयव नास्तयव,
गति अन्यथा रूप ।

हे गोविन्द हे गोपाल, हे दयाल लाल ।
प्राण नाथ अनाथ सखे, दीन दर्द निहाल ।
हे समरथ अगम्य पूरण, मोह माया धार ।
अंध कूप महा भयान, नानक पार उतार ।
  • Nanak.
  • Jagjit Singh.