Baat Saqii Ki Na Tali Jayegi Kar Ke Tauba Tod Dali Jayegi.

बात साक़ी की न टाली जाएगी,
कर के तौबा तोड़ ड़ाली जाएगी ।

देख लेना वो न खाली जाएगी,
आह जो दिल से निकाली जाएगी ।

गर यही तर्ज़े-ए-फ़ुगाँ है अन्दलीब,
तो भी गुलशन से निकाली जाएगी ।

आते आते आएगा उनको ख़याल,
जाते जाते बेख़याली जाएगी ।

क्यूँ नहीं मिलती गले से तेग़-ए-नाज़,
ईद क्या अब के भी खाली जाएगी ।
  • Habib Jaleel.
  • Jagjit Singh.