Kabhi Ansoo Kabhi Khushi Beechi Hum Garibon Ne.
कभी आँसू कभी खुशी बेची,
हम गरीबों ने बेकसी बेची ।
चंद सांसें खरीदने के लिये,
रोज़ थोड़ी सी ज़िन्दगी बेची ।
जब रूलाने लगे मुझे साये,
मैंने उक़्ता के रोशनी बेची ।
एक हम थे के बिक गये खुद ही,
वरना दुनिया ने दोस्ती बेची ।
हम गरीबों ने बेकसी बेची ।
चंद सांसें खरीदने के लिये,
रोज़ थोड़ी सी ज़िन्दगी बेची ।
जब रूलाने लगे मुझे साये,
मैंने उक़्ता के रोशनी बेची ।
एक हम थे के बिक गये खुद ही,
वरना दुनिया ने दोस्ती बेची ।
- Abu Taalib.
- Jagjit Singh.