Kabhi Yun Bhi To Ho Kabhi Yun Bhi To Ho Aur Tum Aao.
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो,
दरिया का साहिल हो, पूरे चाँद की रात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
परीयों कि महफ़िल हो, कोई तुम्हारी बात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
ये नर्म मुलायम ठंड़ी हवायें, जब घर से तुम्हारे गुज़रे,
तुम्हारी खुशबू चुरायें मेरे घर ले आयें, कभी यूँ भी तो हो ।
सूनी हर महफ़िल हो, कोई ना मेरे साथ हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
ये बादल ऐसा टूट के बरसे, मेरे दिल की तरह मिलने को,
तुम्हारा दिल भी तरसे, तुम निकलो घर से, कभी यूँ भी तो हो ।
तन्हाई हो दिल हो, बूंदे हो बरसात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
दरिया का साहिल हो, पूरे चाँद की रात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
परीयों कि महफ़िल हो, कोई तुम्हारी बात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
ये नर्म मुलायम ठंड़ी हवायें, जब घर से तुम्हारे गुज़रे,
तुम्हारी खुशबू चुरायें मेरे घर ले आयें, कभी यूँ भी तो हो ।
सूनी हर महफ़िल हो, कोई ना मेरे साथ हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
ये बादल ऐसा टूट के बरसे, मेरे दिल की तरह मिलने को,
तुम्हारा दिल भी तरसे, तुम निकलो घर से, कभी यूँ भी तो हो ।
तन्हाई हो दिल हो, बूंदे हो बरसात हो,
और तुम आओ, कभी यूँ भी तो हो ।
कभी यूँ भी तो हो, कभी यूँ भी तो हो ।
- Javed Akhtar.
- Jagjit Singh.