Chaak Jigar Ke See Lete Hain Jaise Bhi Ho Jee Lete Hain.

चाक जिगर के सी लेते हैं,
जैसे भी हो जी लेते हैं ।

दर्द मिले तो सह लेते हैं,
अश्क़ मिले तो पी लेते हैं ।

आप कहें तो मर जायें हम,
आप कहें तो जी लेते हैं ।

बेज़ारी के अंधियारे में,
जीने वाले जी लेते हैं ।

हम तो हैं उन फूलों जैसे,
जो काँटो में जी लेते हैं ।
  • Nadeem Parmar.
  • Jagjit Singh.