Tu Nahin To Zindagi Mein Aur Kya Reh Jayega.
तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा,
दूर तक तन्हाईयों का सिलसिला रह जाएगा ।
दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे,
सब धुँआ हो जायेंगे इक वाक़िया रह जाएगा ।
यूँ भी होगा वो मुझे दिल से भुला देगा मगर,
ये भी होगा ख़ुद उसी में इक ख़ला रह जाएगा ।
दायरे इन्कार के इक़रार की सर्गोशियाँ,
ये अगर टूटे कभी तो फ़ासिला रह जाएगा ।
दूर तक तन्हाईयों का सिलसिला रह जाएगा ।
दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे,
सब धुँआ हो जायेंगे इक वाक़िया रह जाएगा ।
यूँ भी होगा वो मुझे दिल से भुला देगा मगर,
ये भी होगा ख़ुद उसी में इक ख़ला रह जाएगा ।
दायरे इन्कार के इक़रार की सर्गोशियाँ,
ये अगर टूटे कभी तो फ़ासिला रह जाएगा ।
- Iftikhar Imam Siddiqi.
- Chitra Singh.