Hai Ikhtiar Mein Tere To Maujza Karde Wo Shakhs.

है इख्‍़ितयार में तेरे तो मोजज़ा कर दे,
वो शख्‍़स मेरा नही है उसे मेरा कर दे ।

मेरे ख़िजार कहीं ख़त्म ही नहीं होता,
ज़रा सी दूर तो रास्ता हरा भरा कर दे ।

मैं उसके शोर को देखूँ वो मेरा सब्र-ओ-सुकून,
मुझे चिराग़ बना दे उसे हवा कर दे ।

अकेली शाम बहुत ही उदास करती है,
किसी को भेज कोई मेरा हमनवा कर दे ।
  • Rana Sahri.
  • Chitra Singh.