Main Aur Meri Tanhayee Aawaara hai Galiyon Mein.
आवारा है गलियों में मैं और मेरी तन्हाई,
जाए तो कहाँ जाए हर मोड़ पे रूसवाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
ये फूल से चेहरे हैं हँसते हुए गुलदस्ते,
कोई भी नहीं अपना बेगाने हैं सब रस्ते,
राही भी तमाशाई राही भी तमाशाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
अरमान सुलगते हैं सीने में चीता जैसे,
क़ातिल नज़र आती हैं दुनिया की हवा जैसे,
रोती है मेरे दिल पर बजती हुई शहनाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
आकाश के माथे पर तारो का चरागाँ है,
पहलू मैं मगर मेरे ज़ख्मों का गुलिस्ताँ है,
आँखों से लहू टपका दामन में बहार आई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है,
रो कर कभी हंसती है हंसकर कभी गाती है,
ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अँगड़ाई,
मैं और मैं मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
जाए तो कहाँ जाए हर मोड़ पे रूसवाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
ये फूल से चेहरे हैं हँसते हुए गुलदस्ते,
कोई भी नहीं अपना बेगाने हैं सब रस्ते,
राही भी तमाशाई राही भी तमाशाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
अरमान सुलगते हैं सीने में चीता जैसे,
क़ातिल नज़र आती हैं दुनिया की हवा जैसे,
रोती है मेरे दिल पर बजती हुई शहनाई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
आकाश के माथे पर तारो का चरागाँ है,
पहलू मैं मगर मेरे ज़ख्मों का गुलिस्ताँ है,
आँखों से लहू टपका दामन में बहार आई,
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है,
रो कर कभी हंसती है हंसकर कभी गाती है,
ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अँगड़ाई,
मैं और मैं मेरी तन्हाई मैं और मैं मेरी तन्हाई ।
- Ali Sardar Zafri.
- Chitra Singh.
- Jagjit Singh.