Jai Ganesh Gananath Dayanidhi. / जय गणेश गणनाथ दयानिधी,

जय गणेश गणनाथ दयानिधी,
सकल विघ्न कर दूर हमारे ।

प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो,
तिस के पूरण कारज सारे ।

लम्बोदर गज वदन मनोहर,
कर त्रिशुल परशु वर धारे ।

रिद्धी सिद्धी दो चंवर ढुलावे,
मूषक वाहन परम सुखारे ।

ब्रहमानंद सहाय करो नित,
भक्तजनो के तुम रखवारे ।
  • Jagjit Singh.