Tum Baithe Ho Lekin Jaate Dekh Raha Hoon. / तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ,
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ,
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ ।
आने वाले लम्हें से दिल सहमा है,
तुमको भी ड़रते घबराते देख रहा हूँ ।
कब यादों का ज़ख़्म भरे कब दाग़ मिटे,
कितने दिन लगते हैं भुलाते देख रहा हूँ ।
उसकी आँखों में भी काजल फ़ैला है,
मैं भी मुड़के जाते जाते देख रहा हूँ ।
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ ।
आने वाले लम्हें से दिल सहमा है,
तुमको भी ड़रते घबराते देख रहा हूँ ।
कब यादों का ज़ख़्म भरे कब दाग़ मिटे,
कितने दिन लगते हैं भुलाते देख रहा हूँ ।
उसकी आँखों में भी काजल फ़ैला है,
मैं भी मुड़के जाते जाते देख रहा हूँ ।
- Javed Akhtar.
- Jagjit Singh.