Rehna Nahin Des Virana Hai Yeh Sansar Kaghad Kii Pudiya. / रहना नहीं देस विराना है,
रहना नहीं देस विराना है।
यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है।
यह संसार काटों की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।
यह संसार झाड़ और झांखर, आग लगे मरि जाना है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरू नाम ठिकाना है।
यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है।
यह संसार काटों की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।
यह संसार झाड़ और झांखर, आग लगे मरि जाना है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरू नाम ठिकाना है।
- Jagjit Singh.
- Kabir.