Mujhse Milne Ke Wo Karta Tha Bahane Kitne.
मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने,
अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने ।
मैं गिरा था तो बहुत लोग रूके थे लेकिन,
सोचता हूँ मुझे आए थे उठाने कितने ।
जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है,
सोचते होंगे यही बात न जाने कितने ।
तुम नया ज़ख़्म लगाओ तुम्हें इससे क्या है,
भरने वाले हैं अभी ज़ख़्म पुराने कितने ।
अब गुज़ारेगा मेरे साथ ज़माने कितने ।
मैं गिरा था तो बहुत लोग रूके थे लेकिन,
सोचता हूँ मुझे आए थे उठाने कितने ।
जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है,
सोचते होंगे यही बात न जाने कितने ।
तुम नया ज़ख़्म लगाओ तुम्हें इससे क्या है,
भरने वाले हैं अभी ज़ख़्म पुराने कितने ।
- Chitra Singh.
- Seemab Akbarabadi.