Bahut Khoobsurat Hai Aankhein Tumhari Agar Ho Inaayat.
बहुत ख़ूबसूरत है आँखें तुम्हारी,
अगर हो इनायत ऐ जाने मोहब्बत,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी ।
जो सबसे जुदा है वो अन्दाज़ हो तुम,
छुपा था जो दिल में वही राज़ हो तुम,
तुम्हारी नज़ाकत बनी जबसे चाहत,
सुकून बन गयी है हर एक बेक़रारी ।
ना थे जब तलक़ तुम हमारी नज़र में,
ना था चाँद शब में ना सूरज सहर में,
तुम्हारी इजाज़त तुम्हारी हुक़ूमत,
ये सारा गगन है ये धरती है सारी ।
अगर हो इनायत ऐ जाने मोहब्बत,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी ।
जो सबसे जुदा है वो अन्दाज़ हो तुम,
छुपा था जो दिल में वही राज़ हो तुम,
तुम्हारी नज़ाकत बनी जबसे चाहत,
सुकून बन गयी है हर एक बेक़रारी ।
ना थे जब तलक़ तुम हमारी नज़र में,
ना था चाँद शब में ना सूरज सहर में,
तुम्हारी इजाज़त तुम्हारी हुक़ूमत,
ये सारा गगन है ये धरती है सारी ।
- Nida Fazli.
- Jagjit Singh.