Aap Agar In Dinon Yahan Hote Hum Zameen Par Kahan Hote.
याद है इक दिन, मेरे मैस पर बैठे बैठे, सिगरेट की ड़िबिया पर तुमने, छोटे से एक पौधे का एक स्कैच बनाया था, आकर देखो उस पौधे पर फूल आया है ।
आप अगर इन दिनों यहाँ होते,
हम ज़मीं पर भला कहाँ होते ।
वक़्त गुज़रा नहीं अभी वरना,
रेत पर पावँ के निशाँ होते ।
मेरे आगे नहीं था अगर कोई,
मेरे पीछे तो कारवाँ होते ।
तेरे साहिल पे लौट कर आती,
अगर उम्मीदों के बादबाँ होते ।
आप अगर इन दिनों यहाँ होते,
हम ज़मीं पर भला कहाँ होते ।
वक़्त गुज़रा नहीं अभी वरना,
रेत पर पावँ के निशाँ होते ।
मेरे आगे नहीं था अगर कोई,
मेरे पीछे तो कारवाँ होते ।
तेरे साहिल पे लौट कर आती,
अगर उम्मीदों के बादबाँ होते ।
- Jagjit Singh.
- Gulzar.