Khuda Humko Aisii Khudai Na De Ke Apne Siva Kuch.
ख़ुदा हमको ऐसी ख़ुदाई ना दे,
के अपने सिवा कुछ दिखाई ना दे ।
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे,
अब इतनी ज्यादा सफ़ाई ना दे ।
हँसो आज इतना के इस शोर में,
सदा सिसकीयों की सुनाई ना दे ।
अभी तो बदन में लहू है वफ़त,
कलम छिन ले रौशनाई ना दे ।
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है,
रहे सामने और दिखाई ना दे ।
के अपने सिवा कुछ दिखाई ना दे ।
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे,
अब इतनी ज्यादा सफ़ाई ना दे ।
हँसो आज इतना के इस शोर में,
सदा सिसकीयों की सुनाई ना दे ।
अभी तो बदन में लहू है वफ़त,
कलम छिन ले रौशनाई ना दे ।
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है,
रहे सामने और दिखाई ना दे ।
- Bashir Badr.
- Chitra Singh.