Kahin Kahin Se Har Chehra Tum Jaisa Lagta Hai.
कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है,
तुम को भूल न पायेंगे हम, ऐसा लगता है ।
ऐसा भी इक रंग है जो करता है बातें भी,
जो भी इसको पहन ले वो अपना-सा लगता है ।
अब भी यूँ मिलते हैं हमसे फूल चमेली के,
जैसे इनसे अपना कोई रिश्ता लगता है ।
और तो सब कुछ ठीक है लेकिन कभी-कभी यूँ ही,
चलता-फिरता शहर अचानक तनहा लगता है ।
तुम को भूल न पायेंगे हम, ऐसा लगता है ।
ऐसा भी इक रंग है जो करता है बातें भी,
जो भी इसको पहन ले वो अपना-सा लगता है ।
अब भी यूँ मिलते हैं हमसे फूल चमेली के,
जैसे इनसे अपना कोई रिश्ता लगता है ।
और तो सब कुछ ठीक है लेकिन कभी-कभी यूँ ही,
चलता-फिरता शहर अचानक तनहा लगता है ।
- Nida Fazli.
- Jagjit Singh - Lata Mangeshkar - Asha Bhosle.