Woh Rulakar Hans Na Paya Der Tak Jab Main Ro Ke.
वो रूलाकर हँस ना पाया देर तक,
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक ।
भूलना चाहा अगर उसको कभी,
और भी वो याद आया देर तक ।
भूखे बच्चों की तसल्ली के लिये,
माँ ने फिर पानी पकाया देर तक ।
गुनगुनाता जा रहा है इक फ़कीर,
धूप रहती है ना साया देर तक ।
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक ।
भूलना चाहा अगर उसको कभी,
और भी वो याद आया देर तक ।
भूखे बच्चों की तसल्ली के लिये,
माँ ने फिर पानी पकाया देर तक ।
गुनगुनाता जा रहा है इक फ़कीर,
धूप रहती है ना साया देर तक ।
- Nawaz Deobandi.
- Jagjit Singh.