Yeh Bhi Kya Ehsaan Kam Hai Dekhiye Na Aapka.

ये भी क्या एहसान कम है देखिये न आप का,
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का ।

चाँद में तो दाग़ है पर आप में वो भी नही,
चौध्वी के चाँद से बढ़के है चेहरा आप का ।

इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आप के,
अपने चेहरे पे सदा होता है धोखा आप का ।

चाँद-सूरज, धुप-सुबह, कहकशा तारे शमा,
हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का ।
  • Wajida Tabassum.
  • Jagjit Singh.