Mera Dil Bhi Shauq Se Todo Ek Tazurba Aur Sahi.
मेरा दिल भी शौक़ से तोड़ो एक तज़ुर्बा और सही,
लाख खिलौने तोड़ चुके हो एक खिलौना और सही ।
रात है ग़म की आज बुझा दो जलता हुआ हर एक चिराग,
दिल में अँधेरा हो ही चुका है घर में अँधेरा और सही ।
दम है निकलता एक आशिक़ का भीड़ है आ कर देख तो ले,
लाख तमाशे देखें होंगे एक नज़ारा और सही ।
खंज़र ले कर सोचते क्या हो क़त्ल–ए–‘मुराद’ भी कर ड़ालो,
दाग़ है सौ दामन पे तुम्हारे एक ईज़ाफ़ा और सही ।
लाख खिलौने तोड़ चुके हो एक खिलौना और सही ।
रात है ग़म की आज बुझा दो जलता हुआ हर एक चिराग,
दिल में अँधेरा हो ही चुका है घर में अँधेरा और सही ।
दम है निकलता एक आशिक़ का भीड़ है आ कर देख तो ले,
लाख तमाशे देखें होंगे एक नज़ारा और सही ।
खंज़र ले कर सोचते क्या हो क़त्ल–ए–‘मुराद’ भी कर ड़ालो,
दाग़ है सौ दामन पे तुम्हारे एक ईज़ाफ़ा और सही ।
- Murad Lucknowi.
- Chitra Singh.