Apne Hathon Kii Lakiron Mein Basa Le Mujhko.
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको,
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको ।
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने,
ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको ।
ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन,
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको ।
बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’,
शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको ।
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको ।
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने,
ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको ।
ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन,
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको ।
बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’,
शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको ।
- Qateel Shifai.
- Jagjit Singh.