Sadma To Hai Mujhe Bhi Ke Tujhse Juda Hoon Main.
सदमा तो है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं,
लेकिन ये सोचता हूँ के अब तेरा क्या हूँ मैं ।
बिखरा पड़ा है तेरे घर में तेरा वजूद,
बेकार महफ़िलों में तुझे ढूँढ़ता हूँ मैं ।
ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम,
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं ।
ले मेरे तजुर्बों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब,
दो-चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं ।
लेकिन ये सोचता हूँ के अब तेरा क्या हूँ मैं ।
बिखरा पड़ा है तेरे घर में तेरा वजूद,
बेकार महफ़िलों में तुझे ढूँढ़ता हूँ मैं ।
ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम,
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं ।
ले मेरे तजुर्बों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब,
दो-चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं ।
- Qateel Shifai.
- Jagjit Singh.